“कृष्ण-सखी”
“कृष्ण-सखी” ये एक बहोत हि खास पैंटींग है मेरे लिये… इसके पीछे एक वजह है। उस दिन हमारे सोसाइटी में कृष्णाष्टमी का एक प्रोग्राम था। और मैं वहाँ बचों को लेके कृष्ण जन्म का वो पल अपने दिल में बसा रहा था। और अचानक से वहासे कुछ छोटीसी प्यारीसी लडकिया हाथ में पानी का कलश और बासुरी लेकर प्रकट हो गयी। और उसी पल मेरे अंदर एक खूबसूरत पेंटिंग ने जन्म लेना शुरू कर दिया। क्या वो पल था दोस्तों वहाँ कृष्ण जन्म और मेरे मन में कृष्ण सखी की पेंटिंग एक ही वक्त जन्म ले रही थी। वहाँ का समारोह समाप्त होने वाला था और मैंने वहासे अपने घर की ओर प्रस्थान कर लिया।
मैं जब घर पंहुचा तो वही कृष्णा सखिया मेरे मन में नाच रही थी। और मैने तुरंत पेन्सिल उठाई और स्केचेस बनाने लगा। पर वो जो पल मेरे मन में था वो कागज पर उतरनेको तैयार नहीं था। लेकिन मुझे वो पेंटिंग बनानी ही थी। फिर क्या मैंने अपना मोबाइल उठाया और गूगल करने लगा । कुछ समय बाद मुझे एक मनचाही तस्वीर मिल गयी और पेंटिंग स्टार्ट हो गयी। 5 दिन के बाद एक खूबसूरत , मनचाही ” कृष्णा-सखी” मेरे साक्षात् पेपर पर तैयार थी। इसमें ज्यादातर मैंने पेस्टल्स यूज़ किये हैं। लगभग 99 % पेस्टल्स और 1 % पेन्सिल्स है। तो ये थी इसकी पूरी कहानी।
तो दोस्तों ये पेंटिंग और इसके पीछे की कहानी कैसी लगी जरूर कॉमेंट में बताना..
Very nc..
Thanks dear..